Detailed Notes on Shiv Chalisa lyrics

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वटाधोनिवासं महाट्टाट्टहासं महापापनाशं सदासुप्रकाशम् ।

जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्तवास शिवपुर में पावे ॥

भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।

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देवनः यदा यदा गच्छति स्म तदा तदा आहूतवान्।

शंकर हो संकट के नाशन । मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥

राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रच्छक काहू को डर ना।।

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी । पाठ करे सो पावन हारी ॥

कीन्ह दया तहँ करी सहाई । नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

check here आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।

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